ट्रेन की धीमी घरघराहट से डिब्बा गूंज रहा था, जैसे पहियों की आवाज़ कोई पुरानी धुन गा रही हो। राहुल खिड़की के पास बैठा था, लैपटॉप उसकी गोद में था और एक प्याली चाय उसकी बगल में रखी थी। बाहर की हरी-भरी वादियों और दूर-दूर तक फैले आकाश को देखकर उसका मन काम में बिल्कुल भी नहीं लग रहा था। उसकी नजरें किसी और ही दुनिया में भटक रही थीं।
ट्रेन के एक छोटे स्टेशन पर रुकते ही हलचल हुई। राहुल ने देखा कि एक महिला उसके सामने वाली सीट पर बैठ गई। उसके हाथ में एक किताब और एक बैग था। महिला के चेहरे पर एक गहरी उदासी थी और वह किसी सोच में खोई हुई लग रही थी। उसने जब टिकट चेक करवाया, तो राहुल ने देखा कि उसका नाम रिहाना था।
पहली मुलाकात, First meeting
कुछ समय बाद जब ट्रेन फिर से चल पड़ी, राहुल ने बातचीत शुरू की। उसने कहा, “आप भी शिमला जा रही हैं?”
रिहाना ने धीरे से मुस्कराते हुए जवाब दिया, “हाँ, अपनी माँ से मिलने जा रही हूँ। आप?”
“मैं काम के सिलसिले में जा रहा हूँ,” राहुल ने उत्तर दिया। “कॉर्पोरेट की दुनिया में काम करना कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे जीवन की दौड़ में कहीं पीछे छूट गया हूँ।”
रिहाना ने उसकी बातों पर ध्यान दिया और सिर हिलाया। “जीवन कभी-कभी ऐसे मोड़ पर ले आता है, जहां हम खुद को खोया हुआ महसूस करते हैं।”
उनकी बातचीत शुरू हो गई। राहुल ने बताया कि वह दिल्ली में एक बड़ी कंपनी में काम करता है और यह सफर उसके मानसिक तनाव को दूर करने के लिए था। रिहाना ने बताया कि उसकी शादी हो चुकी है, लेकिन जीवन में एक खालीपन महसूस कर रही थी।
दिल के जज़्बात , Their lust for each other
जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनकी बातचीत गहरी होती चली गई। रिहाना ने बताया कि उसके और उसके पति के बीच कोई खास भावनात्मक संबंध नहीं था और वह अपने जीवन में एक नई दिशा की तलाश में थी। राहुल ने महसूस किया कि उसकी खुद की जिंदगी भी संतोषजनक नहीं थी, और उसे सच्चे प्यार की तलाश थी।
रात का समय था, और ट्रेन की खिड़की के बाहर अंधेरा छा चुका था। वे दोनों अपनी सीट पर बैठे हुए, एक-दूसरे के साथ समय बिता रहे थे। राहुल को महसूस हुआ कि रिहाना की उदासी उसे प्रभावित कर रही थी। रिहाना ने कभी सोचा नहीं था कि वह किसी अजनबी से इतनी गहरी बातें करेगी, लेकिन राहुल के साथ उसकी बातचीत सहज और सुकून भरी थी।
दिल की बात, Unexpected love
रात का आखिरी हिस्सा था जब ट्रेन एक सुरंग में घुसी। अंधेरे में, राहुल ने महसूस किया कि उसकी ओर एक अनजानी खिंचाव हो रही थी। उसने धीरे से रिहाना की ओर देखा, उसकी आँखों में एक सवाल था – “क्या हम इस सफर में एक साथ रह सकते हैं?”
रिहाना ने उसकी ओर देखा, और उनकी चुप्पी में जैसे बहुत कुछ कह दिया गया। उन्होंने बिना किसी वादे या अपेक्षा के, एक-दूसरे का साथ महसूस किया। वे जानते थे कि यह क्षण अस्थायी था, लेकिन उस पल में, वे एक-दूसरे के लिए सब कुछ थे।
अलविदा , Heartfelt moments
जब ट्रेन शिमला स्टेशन पर पहुंची, तो सुबह हो चुकी थी। ट्रेन रुक गई, और राहुल और रिहाना ने अपना सामान उठाया। वे दोनों जानते थे कि उनका सफर समाप्त हो रहा है, लेकिन उनके दिलों में एक अदृश्य बंधन बन चुका था।
“यह सफर कभी समाप्त नहीं होगा,” रिहाना ने कहा, उसकी आँखों में आंसू थे।
“शायद ऐसा ही है,” राहुल ने उत्तर दिया। “सबसे खास मुलाकातें अक्सर अनजाने में होती हैं।”
उन्होंने एक-दूसरे को अलविदा कहा, लेकिन उनके दिलों में एक वादा था – एक दिन, कहीं न कहीं, वे फिर मिलेंगे। भले ही यह मिलना इस जीवन में हो या अगले, लेकिन उनकी यादें हमेशा के लिए जिंदा रहेंगी।
Final Conclusion
राहुल ने महसूस किया कि जीवन में कई बार हम ऐसे लोगों से मिलते हैं जो हमारे दिल को छू लेते हैं, भले ही वे सिर्फ एक क्षण के लिए हमारे साथ होते हैं। रिहाना उसकी जिंदगी का एक अनमोल हिस्सा बन गई थी, और उसकी यादें हमेशा उसके साथ रहेंगी।
ट्रेन से उतरते वक्त दोनों की आँखों में एक संतोष था। वे भले ही अलग रास्तों पर जा रहे थे, लेकिन उनके दिल हमेशा के लिए एक साझा यात्रा पर थे।